जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है हमेशा सकारात्मक रहना !
जो इंसान अपने आप को हमेशा सकारात्मक रखता है वहीं अपने जीवन में सफल हो पाता है!
आज मैं आपको ऐसी मोरल कहानियां सुनाने जा रहा हुं जो आपको जरूर पसंद आएगी!
दो कहानियां जो हमें नैतिकता सिखाती है
1. बुद्धिमान व्यक्ति:
एक समय की बात है एक गांव में एक बुद्धिमान व्यक्ति रहता था! गांव के सारे लोग अपनी तराह तराह की समस्यायों को लेकर उस बुद्धिमान व्यक्ति के पास आते थे!
एक दिन गांव के कुछ लोग एक समस्या लेकर उस बुद्धिमान व्यक्ति के पास आये और उन्हें उस समस्या का हल बताने को कहा! " तब उस बुद्धिमान व्यक्ति ने उन लोगों को एक चुटकुला सुनाया, चुटकुला सुनकर लोग हंसने लगे !
कुछ समय पश्चात वहीं चुटकुला दोबारा सुनाया , चुटकुला सुनकर कुछ लोगों को ही इस बार हंसी आई! उस बुद्धिमान व्यक्ति ने और कुछ समय पश्चात वहीं चुटकुला सुनाया मगर इस बार कोई नहीं हंसा!
लोगों ने कहा एकही चुटकुला बार बार सुनकर हमें हंसी नहीं आरही है! तभी उस बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा एक ही चुटकुले को आप बार बार सुनने पर हंसी नहीं आरही है तो आप समस्यायों को लेकर क्यों परेशान होते है!
कहानी का मतलब यही है हमें अपने जीवन की समस्यायों को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए!
2. सच्चा दोस्त
एक बार दो दोस्त कहीं घूमने को गये , वे बातें करते करते हैं घूम रहे थे! मगर उन दोनों में बातों बातों में ही बहस हो गई और एक दोस्त ने दुसरे दोस्त के गाल पर थप्पड़ मारा जिस दोस्त ने थप्पड खाया था उसने उसी समय एक पत्थर पर लिखा"
" मुझे मेरे दोस्त ने थप्पड मारा"
वे दोनों सहर करते हुए एक नदी के किनारे आ पहुंचे उन्होंने स्नान करने का फैसला किया! दोनों दोस्त स्नान करने के लिए उस नदी में उतरे , तभी जिस दोस्त ने थप्पड खाया था उसका पैर फिसल गया मगर जिस दोस्त थप्पड़ मारा था उसी ने उसकी जान बचाई!
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्चा मित्र यदि आपको भला बुरा कहता है या थप्पड़ भी मारता है तो वो भलाई के उद्देश्य से ही करता है! " इसी लिए कहते हैं एक सच्चा मित्र सौ पुस्तकालय के बराबर होता है!
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